बच्चे काम पर जा रहे हैं - प्रश्न-उत्तर

CBSE Class 09 HIndi Course A
NCERT Solutions
क्षितिज पाठ-17 राजेश जोशी

1. कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने से आपके मन-मस्तिष्क में जो चित्र उभरता है उसे लिखकर व्यक्त कीजिए।
उत्तर:- 
कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने पर हमारे मन-मस्तिष्क में बाल मजदूरी का चित्र उभरता है। मन में ये विचार आते हैं कि कब‍ तक इन बच्चों के नाजुक कन्धों पर जिम्मेदारियोंं का बोझ रहेगा,उनका बचपन शोषित होता रहेगा।कब हमारा भारत सही मायनों में एक संपन्न और प्रगतिशील देश कहलाएगा जहाँ हर एक बच्चा काम पर जाने के बजाए पाठशाला जाएगा और अपने सपनों को साकार करेगा।

2. कवि का मानना है कि बच्चों के काम पर जाने की भयानक बात को विवरण की तरह न लिखकर सवाल के रूप में पूछा जाना चाहिए कि 'काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?' कवि की दृष्टि में उसे प्रश्न के रूप में क्यों पूछा जाना चाहिए ?
उत्तर:- 
बच्चों की इस स्थिति के लिए समाज जिम्मेवार है। समाज को इस समस्या से जागरूक करने के लिए तथा ठोस समाधान ढूँढने के लिए इस बात को प्रश्न रूप में ही पूछा जाना उचित होता है। क्योंकि यदि हम इन्हें विवरण की तरह पूछते हैं तो समस्या पर कोई ध्यान नहीं देताऔर लोग पढ़ कर भूल जाते हैं जब कि प्रश्न के रूप में पूछे जाने पर उसका समाधान ढूॅंढने का प्रयास करेंगे।

3. सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से बच्चे वंचित क्यों हैं ?
उत्तर:- 
सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से बच्चों के वंचित रहने के मुख्य कारण सामाजिक व्यवस्था और आर्थिक मज़बूरी है। समाज के गरीब तबके के बच्चों को न चाहते हुए भी अपने माता-पिता का हाथ बँटाना पड़ता है। जहाँ जीविका के लिए इतनी मेहनत करनी पड़े वहाॅं सुख-सुविधाओं की कल्पना करना असंभव सा लगता है।

4. दिन-प्रतिदिन के जीवन में हर कोई बच्चों को काम पर जाते देख रहा/रही है, फिर भी किसी को कुछअटपटा नहीं लगता। इस उदासीनता के क्या कारण हो सकते हैं ?
उत्तर:- 
इस प्रकार की उदासीनता के कई कारण हो सकते हैं जैसे -
1) आज का मनुष्य का आत्मकेंद्रित होता जा रहा है। वह केवल अपने और अपने परिवार के बारे में ही सोचता है।
2)सामाजिक जागरूकता तथा जिम्मेदारी की कमी के कारण लोग सोचते हैं कि यह उनका नहीं सरकार का काम है,वे सिर्फ अपने काम से काम रखते हैं।
3) व्यस्तता के कारण भी आज के लोग अपनी ही परेशानियों में इस कदर खोये हुए हैं कि उन्हें दूसरों की समस्या से कोई सरोकार नहीं है।
4) लोगों को कम कीमत में अच्छे श्रमिक मिल जाते हैं इसलिए भी वे इसके विरूद्ध कोई कदम नहीं उठाना चाहते हैं।

5. आपने अपने शहर में बच्चों को कब-कब और कहाँ-कहाँ काम करते हुए देखा है?
उत्तर:- 
मैंने अपने शहर में बच्चों को चाय की दुकानों, होटलों, ढाबों में बर्तन साफ़ करते हुए, रास्ते पर लगे हुए ठेलों पर, घरों में काम करते घरेलू नौकरों के रूप में, छोटे निजी कार्यालयों में ऐसे अनेक स्थानों पर, हर मौसम और रातों में देर तक काम करते हुए देखा है।

6. बच्चों का काम पर जाना धरती के एक बड़े हादसे के समान क्यों है?
उत्तर:- 
बच्चे किसी भी देश, समाज के भविष्य का आईना और उसकी  प्रगति का एक अहम् हिस्सा होते हैं। यदि समाज के इस  महत्त्वपूर्ण अंग को उचित देखभाल और अवसर प्रदान नहीं किया जायेगा तो समाज प्रगति कैसे करेगा। सभी बच्चे एक समान होते हैं, उन्हें उनके बचपन से वंचित रखना अपने आप में घोर अपराध तथा अमानवीय कर्म है। इसलिए बच्चों का काम पर जाना धरती के एक बड़े हादसे के समान है।
 रचना और अभिव्यक्ति
7. काम पर जाते किसी बच्चे के स्थान पर अपने-आप को रखकर देखिए। आपको जो महसूस होता है उसे लिखिए।

उत्तर:- 
मुझे यदि इस तरह बाल मजदूरी करनी पड़े तो मैं अपने आप को हीन समझने लगूँगा। जिस घर में मै काम कर रहा हूँगा जब मैं वहाँ अपनी ही उम्र के बच्चों को देखूँगा कि वे किस तरह मजे और आराम का जीवन व्यतीत कर रहे हैं तो मुझे अत्यंत खेद होगा। माता-पिता की आर्थिक परेशानियों के प्रति सहानुभूति की अपेक्षा रोष उत्पन्न होने लगेगा मेरा आत्मविश्वास कमजोर पड़ने लगेगा। मेरे मन में तरह-तरह के प्रश्न उभरने लगेंगे, मेरा मन हमेशा अशांत और दुखी रहने लगेगा।

8. आपके विचार से बच्चों को काम पर क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए ? उन्हें क्या करने के मौके मिलने चाहिए ?
उत्तर:- 
मेरे विचार से बच्चों को काम पर इसलिए नहीं भेजा जाना चाहिए क्योंकि बचपन का समय उनके शारीरिक मानसिक और बौद्धिक विकास, खेल-कूद, नई-नई चीजों को सीखने, ज्ञान प्राप्त करने तथा जीवन को भरपूर जीने का समय होता है न कि रोजी-रोटी की चिंता में घुल-घुल कर जीने का समय होता है।