हरिहर काका - एनसीईआरटी प्रश्न-उत्तर

CBSE Class 10 Hindi Course B
NCERT Solutions
संचयन पाठ-01 हरिहर काका


1. कथावाचक और हरिहर काका के बीच क्या संबंध है और इसके क्या कारण हैं?
उत्तर:- 
कथावाचक और हरिहर के बीच मधुर, आत्मीय और गहरे संबंध है। इस संबंध के मुख्य कारण थे - कथावाचक और हरिहर काका का पड़ोसी होना, बचपन में हरिहर काका का कथावाचक को खूब प्यार और दुलार देना था तथा बड़ा होने पर कथावाचक और हरिहर काका का आपस में मित्रता का संबंध स्थापित हो जाना जिसके कारण हरिहर काका और कथावाचक आपस में खुलकर बातचीत करते थे।

2. हरिहर काका को महंतऔर भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे?
उत्तर:- हरिहर काका नि:संतान थे और उनके हिस्से में पंद्रह बीघे उपजाऊ जमीन थी। मंहत और भाई दोनों का उद्देश्य हरिहर काका की इसी उपजाऊ पंद्रह बीघे जमीन को अपने कब्जे में करना था। अपने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए दोनों ने पहले तो काका को अपनी चिकनी-चुपड़ी बातों में फँसाना शुरू किया, जब उससे भी बात नहीं बनी तो उन पर ताकत का प्रयोग करना शुरू कर दिया। दोनों ही उनकी जमीन को हथियाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते थे इसलिए हरिहर काका को महंत और भाई एक ही श्रेणी के लगने लगे।

3. ठाकुरबारी के प्रति गाँव वालों के मन में अपार श्रद्धा के जो भाव हैं उससे उनकी किस मनोवृत्ति का पता चलता है?
उत्तर:- 
ठाकुरबारी के प्रति गाँववालों के मन में जो अपार श्रद्धा के भाव थे उनसे गाँववालों की ठाकुरजी के प्रति अगाध विश्वास, भक्ति-भावना ईश्वर में आस्तिकता, और एक प्रकार की अंधश्रद्धा जैसी मनोवृतियों का पता चलता है। क्योंकि गाँव वाले अपनी हर छोटी-बड़ी सफलता का श्रेय ठाकुरबारी को ही देते थे।

4. अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका दुनिया की बेहतर समझ रखते हैं। कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:- 
हरिहर काका अनपढ़ थे फिर भी उन्हें दुनियादारी की बेहद समझ थी। वे यह जानते थे कि जब तक जमीन उनके पास है, तब तक सभी उनका आदर करेंगें। उनके भाई लोग उनसे ज़बरदस्ती ज़मीन अपने नाम करवानेके लिए डराते थे तो उन्हें गाँव में दिखावा करके ज़मीन हथियाने वालों की याद आती थी। काका ने उन्हें नारकीय जीवन जीते देखा था इसलिए उन्होंने ठान लिया था चाहे मंहत उकसाए, चाहे भाई दिखावा करे पर वह ज़मीन किसी को भी नहीं देंगे। इन बातों से स्पष्ट होता है कि काका अनपढ़ होते हुए भी दुनियादारी की बेहतर समझ रखते थे।

5. हरिहर काका को जबरन उठा ले जाने वाले कौन थे? उन्होंने उनके साथ कैसा व्यवहार किया?
उत्तर:- 
हरिहर काका को जबरन उठाने वाले महंत के आदमी थे। वे रात के समय हथियारों से लैस होकर आते हैं और हरिहर काका को ठाकुरबारी उठा कर ले जाते हैं। वहाँ उनके साथ बड़ा ही दुर्व्यवहार किया जाता है। उन्हें समझा-बुझाकर और न मानने पर डरा -धमकाकर सादे कागजों पर अँगूठे का निशान ले लिए जाते हैं। उसके बाद उनके मुँह में कपड़ा ठूँसकर उन्हें अनाज के गोदाम में बंद कर दिया जाता है।

6. हरिहर काका के मामले में गाँव वालों की क्या राय थी और उसके क्या कारण थे?
उत्तर:- 
हरिहर काका के मामले में गाँव के लोग दो पक्षों में बँट गए थे। कुछ लोग मंहत की तरफ़ थे ,जो चाहते थे कि काका अपनी ज़मीन धर्म के नाम पर ठाकुरबारी को दे दें ताकि उन्हें सुख- आराम मिले, मृत्यु के बाद मोक्ष, यश मिले। यह सोच उनके धार्मिक प्रवृत्ति और ठाकुरबारी से मिलने वाले स्वादिष्ट प्रसाद के कारण थी लेकिन दूसरे पक्ष के लोग जोकि प्रगतिशील विचारों वाले थे, उनका मानना था कि काका को वह जमीन ज़मीन परिवार वालों को दे देनी चाहिए। उनका कहना था कि इससे उनके परिवार का पेट भरेगा। उनके अनुसार मंदिर को ज़मीन देना अन्याय होगा। इस तरह दोनों पक्ष अपने-अपने हिसाब से सोच रहे थे परन्तु हरिहर काका के बारे में कोई नहीं सोच रहा था। इन बातों का एक और भी कारण यह था कि काका विधुर थे और उनके कोई संतान भी नहीं थी।

7. कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि लेखक ने यह क्यों कहा, "अज्ञान की स्थिति में ही मनुष्य मृत्यु से डरते हैं। ज्ञान होने के बाद तो आदमी आवश्यकता पड़ने पर मृत्यु को वरण करने के लिए तैयार हो जाता है।"
उत्तर:-पाठ के अंतर्गत लेखक 'मिथिलेश्वर ' ने ऐसा इसलिए कहा 
क्योंकि हरिहर काका को जब अपने भाइयों और महंत की असलियत पता चली और उन्हें समझ में आ गया कि सब लोग उनकी ज़मीन- जायदाद के पीछे पड़े हैं तो उन्हें वे सभी लोग याद आ गए जिन्होंने परिवार वालों के मोह -माया में फँसकर अपनी ज़मीन उनके नाम कर दी और मृत्यु तक तिल-तिल करके मरते रहे, दाने-दाने को मोहताज़ हो गए तब उन्होंने सोचा कि इस तरह रहने से तो एक बार मरना अच्छा है। काका को यह पता चल चुका था कि मृत्यु जीवन की अटल सच्चाई है इसलिए अब वे महंत या अपने भाइयों के दिखावे या धमकाने पर भी अपनी जमीन किसी के भी नाम नहीं करना चाहते थे।

8. समाज में रिश्तों की क्या अहमियत है? इस विषय पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर:- 
समाज में रिश्तों-नातों का एक विशेष स्थान है। सामाजिक जीवन को सुचारू रखने के किए इनकी महत्त्ता को कोई नजरंदाज नहीं कर सकता है परन्तु आज समाज में मानवीय मूल्य तथा पारिवारिक मूल्य धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं। ज़्यादातर व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए रिश्ते निभाते हैं, आए दिन हम अखबारों में समाचार पढ़ते हैं कि ज़मीन- जाय़दाद, पैसे- जेवर के लिए लोग हत्या जैसा घृणित कार्य करने से भी नहीं कतराते हैं। कहानी के पात्र हरिहर काका जैसे लोगों को अपने नज़दीकी रिश्तेदारों से बचने के लिए पुलिस की आवश्यकता पड़ती है क्योंकि जब रिश्तों पर स्वार्थ का रंग चढ़ जाता है तो सारे रिश्ते बेमानी हो जाते हैं।

9. यदि आपके आस-पास हरिहर काका जैसी हालत में कोई हो तो आप उसकी किस प्रकार मदद करेंगे?
उत्तर:- 
यदि हमारे आस-पास हरिहर काका जैसी हालत में कोई हो तो हम उसकी हर संभव सहायता करने का प्रयास करेंगे। सबसे पहले तो हम अनुभवी और बुजर्गों को साथ लेकर उन्हें यह अहसास दिलाएँगे कि वे अकेले नहीं है, समाज उनके साथ मजबूती से खड़ा है, उनके परिवार को समझाने का प्रयास करेगें। स्वयंसेवी संस्था से मिलकर भी उनकी समस्या को सुलझाने का प्रयास करेंगें। इस पर भी यदि समस्या नहीं सुलझती है तो हम पुलिस और मीडिया की सहायता लेने से भी नहीं कतराएँगे।

10. हरिहर काका के गाँव में यदि मीडिया की पहुँच होती तो उनकी क्या स्थिति होती? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:- 
हरिहर काका की बात मीडिया तक पहुँच जाती तो वे जो दुखी और एकाकी जीवन बिता रहे थे, वह उन्हें मीडिया के हस्तक्षेप से न बिताना पड़ता। वे अपने पर हुए अत्याचार लोगों को न केवल बताकर भयमुक्त हो जाते बल्कि उनके कारण कई और लोग भी जागृत हो जाते। साथ ही मीडिया वहाँ पहुँचकर सबकी पोल खोल देती, महंत व भाइयों का पर्दाफाश हो जाता। अपहरण, धमकाने और जबरन अँगूठा लगवाने के अपराध में उन्हें जेल हो जाती। मीडिया उन्हें स्वतंत्र और भयमुक्त जीवन की उचित व्यवस्था भी करवा देती।