मेरे संग की औरतें - प्रश्नोत्तर

पूरक पुस्तक : कृतिका भाग 1
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
मेरे संग की औरतें : मृदुला गर्ग

यह एक आत्मसंस्मरणात्मक गद्य है। इसमें लेखिका ने अपने परिवार की औरतों-नानी, माँ तथा अपनी चार बहनों के बारे में बताया है। उनके घरेलू, आर्थिक़ सामाजिक तथा शैक्षिक स्थिति से परिचित कराया है। सामाजिक रूढ़ियों में जकड़ा व्यक्ति भी वैचारिक स्तर पर आज़ाद हो सकता है।
लघूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर
  1. लेखिका की परदादी ने ऐसी कौन-सी बात कह दी, जिसे सुन सभी हैरान रह गए?
    उत्तर- लेखिका की परदादी को पौत्र की नहीं पौत्री की चाहत थी। उन्होंने भगवान से पतोहू की पहली संतान लड़की माँगी। उस समय यह दुआ सभी को चौकाने वाली लगी। समाज सदा से लड़के की कामना करता रहा है, पर परदादी ने वह दुआ माँगी जिसे समाज बोझ समझता रहा था। उनकी मन्नत को जानकर सभी हैराम रह गए क्योंकि उन्होंने यह बात सभी को बता दी थी।
  2. प्रश्न 2. लेखिका की नानी अपने अन्तिम समय में मुँहजोर क्यों हो गई थीं?
    उत्तर- लेखिका की नानी अपनी बेटी का विवाह एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी से करवाना चाहती थीं। उन्हें लगा कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी बेटी का विवाह किसी सरकारी नौकर से कर दिया जाएगा। अतः अपने अन्तिम समय में समय की कमी तथा बेटी के विवाह की चिंता के कारण वे मुँहजोर हो गईं थी।
  3. अचला कौन थी तथा उसने क्र्या क्या किया?
    उत्तर- अचला लेखिका की सबसे छोटी बहन थी। उसने पिता का कहना मानकर अर्थशास्त्र में एम ए किया फिर पत्रकारिता का कोर्स किया। विवाह के बाद गृहस्थी में मन नहीं लगने के कारण लेखिका बन गई।
  4. लेखिका की माँ की चारित्रिक विशेषताएँ लिखिए।
    उत्तर- लेखिका की माँ परम्परावादी नहीं थीं। वह निष्पक्ष, ईमानदार तथा सत्यवादी होने के साथ-साथ एक अच्छी परामर्शदाता भी थीं। यही कारण था कि उन्हें घर वाले सम्मान देते एवं बाहरवाले दोस्त बन जाते थे।
  5. लेखिका की बहन चित्रा की विशेषताएँ बताइए।
    उत्तर- चित्रा स्वयं नहीं पढ़ती थी पर दूसरों को पढ़ाने में रूचि लेती थी, इसी से परीक्षा में उसके कम अंक आते थे। वह खुले विचारों की लड़की थी। उसने अपने लिए स्वयं लड़का पसंद किया और उसी से विवाह किया।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
  1. लेखिका की दादी ने चोर का जीवन किस प्रकार बदल दिया?
    उत्तर- एक बार हवेली के सारे पुरूष किसी बारात में चले गए और औरतें रतजगा कर रही थीं। घर की पुरखिन दादी माँ एक कमरे में सोई थीं। मौके का फायदा उठाकर एक चोर घर में घुस गया। दादी की आँख खुली उन्होंने पूछा ‘कौन’? चोर ने जवाब दिया ‘जी मैं।’ दादी ने कुएँ से पानी लाने का आदेश दिया। चोर घबराया हुआ पानी लाने चला गया। पानी लेकर लौटते समय उसे पहरेदार ने पकड़ लिया। दादी ने लोटे का आधा पानी स्वयं पीया और आधा चोर को पिलाकर कहा- “आज से हम दोनो माँ बेटे हुए, चाहे तो तू चोरी कर, चाहे खेती।” चोर ने चोरी का धन्धा छोड़ खेती अपना ली। इस प्रकार उसका जीवन बदल गया।
  2. लेखिका ने डालमिया नगर में नारी-चेतना जगाने का प्रयास किस प्रकार किया?
    उत्तर- लेखिका शादी के बाद बिहार के पिछड़े कस्बे डालमीया नगर में रहने गईं। यहाँ का समाज इतना पुरातन पंथी था कि मर्द औरते चाहे पति-पत्नी क्यों न हों, एक साथ बैठ कर सिनेमा नहीं देख सकते थे। अभिनय की शौकीन लेखिका ने साल भर के प्रयास से वहाँ के स्त्री-पुरूषों को एक साथ नाटक में काम करने के लिए तैयार कर लिया। वे महिलाएँ जो अपने पति के साथ फिल्म तक नहीं देखने जाती थीं, अब पराए मर्द के साथ नाटक में काम करने के लिए राजी हो गईं। लेखिका के साथ मिलकर अनेक नाटकों का मंचन किया और बाढ़ पीड़ितों के लिए धन एकत्र किया।  इस प्रकार लेखिका ने डालमिया नगर में नार्री चेतना जगाने का भरपूर प्रयास किया।