रीढ़ की हड्डी - प्रश्नोत्तर
CBSE class-09 Hindi-A
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
रीढ़ की हड्डी : जगदीश चन्द्र माथुर-
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
रीढ़ की हड्डी : जगदीश चन्द्र माथुर-
इस एकांकी में समाज में नारी को सम्मानजनक स्थान न दिए जाने की समस्या का प्रभावी चित्रण हुआ है। इस एकांकी में लड़की के विवाह की सामाजिक समस्या मात्र का चित्रण नहीं है। यह एकांकी भारतीय समाज का वास्तविक चेहरा दिखाने में सक्षम है।
लघूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. “आपके लाडले बेटे की रीढ़ की हड्डी भी है या नहीं।” उमा अपने इस कथन के माध्यम से शंकर की किन कमियों की ओर संकेत करती है?
उत्तर- उमा अपने इस कथन के माध्यम से शंकर की चारित्रहीनता एवं डरपोक स्वभाव की ओर संकेत करती है। शंकर लडकियों के हास्टल के आस-पास घूमता पकडा जाता है और नौकरानी के पैरों गिरकर क्षमा माँगकर किसी तरह छूट कर भागता है।
प्रश्न 2. शंकर जैसे लड़के या उमा जैसी लड़की, समाज को कैसे व्यक्तित्व की ज़रूरत है? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर- समाज में उमा जैसे व्यक्तित्व की आवश्यकता है। वह सुशिक्षित सभ्य और साहसी लड़की है। वह नारी के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने और जागरूकता लाने का काम करती है।
प्रश्न 3. कथावस्तु के आधार पर एकांकी का मुख्य पात्र कौन है और क्यों?
उत्तर- कथावस्तु के आधार पर एकांकी का मुख्य पात्र उमा है। लेखक ने उमा के माध्यम से ही नारी के प्रति अपने विचार व्यक्ति किए है। वही केन्द्रबिन्दु है एकांकी की कहानी उसी के आस-पास घूमती है। इसीलिए वह एकांकी की मुख्य पात्र है।
प्रश्न 4. क्या शंकर जैसा लड़का उमा जैसी लड़की के लिए योग्य है?
उत्तर- शंकर जैसा लड़का उमा जैसी लड़की के लिए योग्य तो हो ही नहीं सकता, क्योंकि उमा सुशिक्षित एवं संस्कारवान लड़की है। जबकि शंकर चरित्रहीन और रूढ़िवादी लड़का है।
प्रश्न 5. रामस्वरूप बैठक के कमरे में वाद्य यंत्रों को क्यों रखवाते हैं?
उत्तर- रामस्वरूप की बेटी उमा को लड़के बाले देखने आने वाले हैं। वे कमरे की सफाई करवा कर वाद्य यंत्र रखवाते है। वे लड़के वालों को दिखाना चाहते हैं कि उमा को संगीत का ज्ञान है, वह इसके बल पर लड़के वालों को प्रभावित करना चाहते है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर-
प्रश्न 1. गोपाल प्रसाद विवाह को बिज़नेस मानते हैं और रामस्वरूप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा छिपाते हैं। क्या आप मानते है कि दोनो समान रूप से अपराधी हैं? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर- मेरी दृष्टि में दोनो समान रूप से दोषी हैं। रामस्वरूप उमा की शादी के लिए उसकी उच्च शिक्षा को छिपाते हैं। मेरे विचार से रामस्वरूप को ऐसे परिवार में अपनी बेटी का रिश्ता जोड़ने की नहीं सोचना चाहिए था, जहाँ शिक्षा का सम्मान न हो। रामस्वरूप को उमा को शिक्षित करने पर अपराध नहीं गर्व महसूस करना चाहिए था।दूसरी ओर गोपाल प्रसाद विवाह को बिज़नेस मानते हैं। वह ऐसी पड़ताल करते हैं मानो विवाह नहीं फर्नीचर खरीदने आए हों। वह यह भूल जाते हैं कि विवाह बिज़नेस नहीं पवित्र बंधन होता है। झूठ की बुनियाद पर खड़ा रिश्ता कभी सफल नहीं होता है। अतः मेरी दृष्टि में दोनों अपराधी हैं।
प्रश्न 2. उमा ने गोपाल प्रसाद से जो व्यवहार किया, वह कहाँ तक उचित है?
उत्तर- गोपाल प्रसाद पुरातनपंथी सोच के प्रतीक हैं। ऐसे लोग स्त्री शिक्षा के विरोधी और नारी को उपभोग की वस्तु मानते हैं। उनके विचार से शिक्षित नारी अपने अधिकारों के लिए सजग हो जाएगी, पुरूष के गलत कार्यों का विरोध करेगी, जो उचित नहीं है। वे शिक्षा को सिर्फ लड़कों के लिए ज़रूरी मानते हैं। उमा ने उनके नारी शिक्षा विरोधी विचारों को जानकर ही कहा कि- मैंने बी ए किया है, कोई पाप नहीं किया है।
उमा द्वारा गोपाल प्रसाद के साथ किया गया व्यवहार सर्वथा उचित है। लड़का-लड़की समान हैं। लड़की के विरूद्ध सोच रखने वाले को इसी तरह की लताड़ की ज़रूरता रहती है।