व्याकरण उपसर्ग प्रत्यय - पुनरावृति नोट्स 2

खण्ड-ख
(व्याकरण)
प्रत्यय

जो शब्दांश धातु रूप या शब्दों के अंत में लगकर नए शब्दों का निर्माण करते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं।
जैसे- महान+ता=महानता
महानता शब्द में ‘ता’ प्रत्यय है।
प्रत्यय मुख्यतः दो प्रकार के होते है-
  • कृत प्रत्यय
  • तध्दित प्रत्यय
(1) कृत प्रत्यय
जो प्रत्यय क्रिया के मूल धातु-रूप के साथ लगकर संज्ञा और विशेषणों का निर्माण करते हैं, वे कृत प्रत्यय कहलाते हैं। जैसे- पढ़ाई = पढ़ + आई। इसमें ‘आई’ प्रत्यय है।
कुछ अन्य उदाहरण
शब्द
धातुरूप
प्रत्यय
होनहर
हो
ना + हार
सजावट
सज
आवट
पठनीय
पठ
नीय
(2) ताध्दित प्रत्यय
जो प्रत्यय क्रिया के धातु-रूपों को छोड़कर अन्य शब्दों-जैसे संज्ञा, विशेषण, सर्वनाम आदि के साथ लगकर नए शब्द बनाते हैं, वे तध्दित प्रत्यय कहलाते हैं।
जैसे-बंगाल + ई = बंगाली। यहाँ ‘ई’ तध्दित प्रत्यय है,क्योंकि यह बंगाल नामक प्रत्यय के साथ मिलकर नया शब्द बना रहा है।
कुछ अन्य उदाहरण-
  1. भूख + आ = भूखा
  2. बुरा + आई = बुराई
  3. चमक + ईला = चमकीला
  4. गुण + वान = गुणवान