आनुवंशिकता एवं जैव विकास - पुनरावृति नोट्स

CBSE कक्षा 10 विज्ञान
पाठ-9 आनुवंशिकता एवं जैव विकास
पुनरावृति नोट्स

  • आनुवंशिकी : लक्षणों के वंशीगत होने एवं विभिन्नताओं का अध्ययन।
  • आनुवांशिकता : विभिन्न लक्षणों का पूर्ण विश्वसनीयता के साथ वंशागत होना।
  • विभिन्नता : एक स्पीशीज के विभिन्न जीवों में शारीरिक अभिकल्प और डी. एन. ए में अन्तर
  • मेंडल का योगदान
    मेंडल ने वंशागति के कुछ मुख्य नियम प्रस्तुत किए।
    मेंडल ने मटर के पौधे के विपर्यासी (7 विकल्पी) लक्षणों का अध्ययन किया जों स्थूल रूप से दिखाई देते
    1. गोल/झुर्रीदार बीज,
    2. लंबे/बौने पौधे
    3. सफेद/बैंगनी फूल
    4. पीले/हरे बीज
  • मेंडल के प्रयोग
    मेडल ने मटर के पौधो को लिया : जैसे कि लंबे पौधे तथा बौने पौधे। इससे प्राप्त संतति पीढ़ी में लबें एवं बौने पौधो के प्रतिशत की गणना की।
  • अवलोकन:
    1. प्रथम संतति F1 पीढ़ी में सभी पौधे लंबे थे।
    2. F2 पीढ़ी में 1/4 संतति बौने पौधे ये
    3. फिनोटाइप F2 - 3:1
      जिनोटाइप F2 - 1:2:1
      TT, Tt, tt का संयोजन 1:2:1 अनुपात में प्राप्त होता है।
  • निष्कर्ष:
    1. TT व Tt दोनों लंबे पौधे है यद्यपि tt बौने पौधा है।
    2. T की एक प्रति पौधों को लंबा बनाने के लिए पर्याप्त हैं। जबकि बौनेपन के लिए की दोनों प्रतियाँ t होनी चाहिए।
    3. T जैसे लक्षण प्रभावी लक्षण कहलाते है, t जैसे लक्षण अप्रभावी लक्षण कहलाते हैं।
  • द्वि संकरण/ द्वि विकल्पिय संकरण
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    F2 गोल, पीले बीज : 9
    गोल, हरे बीज : 3
    झुर्रीदार, पीले बीज : 3
    झुर्रीदार, हरे बीज : 1
    इस प्रकार दो अलग अलग लक्षण (बीजों की आकृति एवं रंग) की स्वतंत्र वंशानुगति होती है।
  • मैंडल ने मटर के ही पौधे का उपयोग क्यों किया।
    1. इनका जीवन काल छोटा होता है।
    2. इस पौधे में अनेक प्रकार के विप्रयास लक्षण (Contrasting Characters) पाए जाते हैं।
  • ये लक्षण अपने आपको किस प्रकार व्यक्त करते हैं।
    कोशिका के डी. एन. ए.
    जीन (डी. एन. ए की रचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई)
    सूचना स्रोत
    प्रोटीन संश्लेषण
    प्रोटीन विभिन्न लक्षणों की अभिव्यक्ति को नियंत्रित करती हैं। (इंजाइम व हॉर्मोन)
    उदाहरण
    जीन T (प्रभावी लक्षण)इंजाजम दक्षता से कार्य करनापर्याप्त मात्रा में हॉर्मोन बनानालंबे पौधे
    जीन t (अप्रभावी लक्षण)इंजाजम कम दक्षता से कार्य करनापर्याप्त मात्रा में हॉर्मोन बनानालंबे पौधे
    लिंग निर्धारण
  • मानव में लिंग निर्धारण
    आधे-बच्चे लड़के एवं आधे लड़की हो सकते हैं। सभी बच्चे चाहे वह लड़का हो अथवा लड़की अपनी माता से X गुणसूत्र प्राप्त करते हैं। अतः बच्चों का लिंग निर्धारण इस बात पर निर्भर करता है कि उन्हें अपने पिता से किस प्रकार गुणसूत्र प्राप्त हुआ है। जिस बच्चे को अपने पिता से X गुणसूत्र वंशागनुत हुआ है वह लड़की एवं जिसे पिता से Y गुणसूत्र वंशागुत होता है, वह लड़का।
  • उपार्जित एवं आनुवंशिक लक्षण
    • उपार्जित लक्षण:-
    • वह लक्षण जो जनन कोशिकाओं के डी. एन. ए. में कोई अन्तर नहीं लाता जैसे- अर्जित अनुभव/लक्षण जैव प्रकम द्वारा अगली पीढ़ी को वंशानुगात नहीं होते।
    • यह जैव विकास में सहायक नहीं होते है। जैसे-कुछ शृंग का कम भार होता है।
    • आनुवंशिक लक्षण:-
    • वह लक्षण जो जनन कोशिकाओं के डी. एन. ए. में अंतर लाने है और जैव प्रकम द्वारा अगली पीढ़ी को वंशानुगत होते है।
    • यह जैव विकास में सहायक होते हैं।
      जैसे: आंखों का रंग
  • जाति उद्भव
    पूर्ण स्पीशीज से एक नयी स्पीशीज का बनना जाति उद्भव कहलाता है।
    1. अनुवांशिक विचलन (genetic drift)
    2. भौगोलिक पृथक्करण (geographical isolation)
  • जाति उद्भव किस प्रकार होता है।
    जन प्रवाह - उन दो समर्षिटयों के बीच होता है जो पूरी तरह से अलग नहीं हो पाती है किंतु आंशिक रूप से अलग अलग हैं।
    अनुवंशिक विचलन - किसी एक समष्टि की उत्तरोत्तर पीढ़ियों में जींस की बारंबारता में अचानक परिवर्तन का उत्पन्न होना
    1. अनुवंशिक विचलन
      विभिन्न परिवर्तनों का संग्रहण
      उपसमष्टि Z1 और उपसमष्टि Z2
      आनुवंशिक विचलन (Genetic drift)
      प्राकृतिक चयन (Natural Selection)
      उपसमष्टि Z1 और उपसमष्टि Z2 अंतर्जनन में असमर्थ
    • आनुवंशिक विचलन का कारण
      1. यदि डी. एन. ए. में परिवर्तन पर्याप्त है
      2. गुणसूत्रों की संख्या में परिवर्तन
  • विकासीय संबंध योजना
  • समजात अभिलक्षण: विभिन्न जीवों में वह अभिलक्षण जिनकी आधारभूत संरचना लगभग एक समान होती है। यद्यपि वे विभिन्न जीवों में कार्य भिन्न-भिन्न होते है।
    उदाहरण:- पक्षियों, सरीसृप, जल-स्थलचर, स्तनधारियों के पादों की संरचना (आधारभूत) एक समान हैं, किन्तु यह विभिन्न कशेरूकों में भिन्न-भिन्न कार्य के लिए होते हैं।
  • समरूप अभिलक्षण: वह अभिलक्षण जिनकी संरचना व संघटकों में अंतर होता है, सभी की उत्पत्ति भी समान नहीं होती किन्तु कार्य समान होता है।
    उदाहरण: पक्षी के अग्नपाद एवं चमगादड़ के अग्रपाद
  • जीवाश्म : जीव के परिरक्षित अवशेष जीवाश्म कहलाते हैं। उदाहरण जैसे कोई मृत कीट गर्म मिट्टी में सूख कर कठोर हो जाए।
  • जीवाश्म कितने पुराने है?
    1. खुदाई करने पर पृथ्वी की सतह के निकट वाले जीवाश्म गहरे स्तर पर पाए गए जीवाश्मों की अपेक्षा अधिक नए होते हैं।
    2. फॉसिल डेटिंग : जिसमें जीवाश्म मैं पाए जाने वाले किसी एक तत्व के विभिन्न समस्थानिकों का अनुपात के आधार पर जीवाश्म को समय-निर्धारण किया जाता है।
  • विकास के चरण
    बहुत अधिक भिन्न दिखने वाली संरचनाएँ एक समान परिकल्प में विकसित हो सकती हैं।
  • कृत्रिम चयन

    दो हजार वर्ष पूर्व मनुष्य जंगली गोभी को एक खाद्य पौधे के रूप में उगाता था, तथा उसने चयन द्वारा इससे विभिन्न सब्जियाँ विकसित की। इसे कृत्रिम चयन कहते हैं।
  • मानव विकास
    मानव विकास के अध्ययन के मुख्य साधन
    • उत्खनन
    • समय निर्धारण
    • डी. एन. ए. अनुक्रम का निर्धारण
    • जीवाश्म अध्ययन
  • सभी मानव एक स्पीशीज़ के सदस्य हैं।
    मानव (प्राचीनतम) सदस्य अफ्रीकी मुल में खोजा गया
    • फिलीपींस
    • इंडोनेशिया के द्वीपों
    • पश्चिमी एशिया
    • मध्य एशिया
    • आस्ट्रेलिया
विभिन्न समूह कभी आगे व पीछे गए
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समूह कई बार परस्पर विलग हो गए
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कभी अलग होकर विभिन्न दिशाओं में आगे बढ़े
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कुछ वापिस आकर परस्पर मिल गए