दो बैलों की कथा - पुनरावृति नोट्स
CBSE कक्षा 9 हिंदी (अ) क्षितिज
पुनरावृत्ति नोट्स
पाठ-1 दो बैलों की कथा
पुनरावृत्ति नोट्स
पाठ-1 दो बैलों की कथा
महत्त्वपूर्ण बिन्दु-
- पाठ हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध साहित्यकार प्रेमचंद के द्वारा लिखित है।दो बैलों की कथा के माध्यम से प्रेमचंद जी ने कृषक समाज और पशुओं के भावात्मक सम्बन्धों का वर्णन किया है। इस कहानी के द्वारा यह संदेश देने का भी प्रयास किया गया है कि स्वतन्त्रता स्वयं नहीं मिलती बल्कि उस के लिए ऐडी-चोटी का ज़ोर लगाना पड़ता है। परोक्ष रूप से यह कहानी आजादी के आंदोलन से भी जुड़ी है।
- कहानी के मुख्य पात्र हीरा और मोती नाम के दो बैल हैं, अन्य पात्रों में झूरी,उसकी पत्नी,उसका साला गया ,दढ़ियल कसाई ,तथा भैरों की लड़की प्रमुख हैं।
- जानवरों में गधे को सबसे बड़ा मूर्ख और सीधा-सहिष्णु जानवर माना गया है,जो कभी क्रोध नहीं करता है। उसी गधे का छोटा भाई है बैल किन्तु कभी-कभी यह अपने क्रोध का प्रदर्शन कर देता है।
- झूरी के पास दो बैल थे- हीरा और मोती।वे पछाई जाति के देखने में सुंदर, सुडौल,काम में चौकस और डील में ऊँचे थे।साथ-साथ रहते हुए उनमें घनिष्ठ मित्रता हो गई थी। एक-दूसरे के साथ रहते हुए वे हमेशा एक-दूसरे के दुख-दर्द को जान जाते थे जिसे वे सींग मिला कर,धौल-धप्पा करके,चाटकर सूँघकर प्रकट करते थे।
- एक दिन झूरी का साला आकर बड़ी बेदर्दी से उन्हें लगभग खींचते हुए ले जाता है,वे महसूस करते हैं कि उनके मालिक ने उनके साथ गलत व्यवहार किया है।
- संध्या के समय वे गया के घर पहुँचते हैं जहाँ उन्हें नांद में लगाया जाता है किन्तु मालिक के व्यवहार से दुखी उस ओर वे नजर भी नहीं डालते। घर में सबके सो जाने पर वे रस्सियाँ तोड़कर झूरी के घर वापस पहुँच जाते हैं। सभी उनका स्वागत करते हैं किन्तु झूरी कि पत्नी उन्हें बुरा-भला कहती है।
- दूसरे दिन गया फिर आकर उन्हें ले जाता है,घर पहुँचकर सूखा भूसा खाने के लिए दिया जाता है लेकिन वे उस ओर मुँह भी नहीं करते । हल में जोतने पर पैर तक नहीं उठाते जिससे क्रोधित होकर गया उनके साथ निर्दयता पूर्ण व्यवहार करता है। हीरा की जोरदार पिटाई होने पर मोती का गुस्सा काबू से बाहर हो जाता है और वह हल ,रस्सी लेकर भागता है किन्तु पकड़ा जाता है।
- गया के परिवार में एक छोटी लड़की थी जिसके पिता का नाम भैरों था। उस लड़की की सौतेली माँ थी, जो उसे हमेशा मारती-पीटती रहती थी । एक जैसी परिस्थिति के कारण उसे उनसे आत्मीयता हो गयी थी । वह बड़े प्यार उन्हें एक-एक रोटी चुपके से खिला जाती थी। मात्र उस एक रोटी से उनका पेट भर जाता था।
- वे फिर से भागने की सलाह करते हैं ,एक रात उस लड़की के रोटी खिला जाने के बाद वे रस्सी चबाना शुरू करते हैं,लड़की उनकी मंशा समझ कर उनकी रस्सियाँ खोल देती है। अपनी रक्षा के लिए वह शोर भी मचा देती है कि बैल भागे जा रहें हैं। भागते-भागते वे रास्ता भटक कर मटर के खेत में जा पहुँचते हैं,जहाँ रखवाले उन्हें पकड़ लेते हैं और वे कांजीहौस पहुँच जाते हैं।
- कांजीहौस में जानवरों की बड़ी दुर्दशा थी ,उन्हें भी जब खाने के लिए कुछ नहीं मिला तो दोनों ने बाड़े की कच्ची दीवार चाटनी शुरू कर दी,विद्रोही हीरा ने दीवार तोड़ने का प्रयास किया बाद में मोती ने भी उसका साथ दिया,दो घंटे की कड़ी मेहनत के बाद दीवार टूट गई । सभी जानवर भागने में सफल हुए ।दुर्भाग्य से हीरा की रस्सी नहीं टूटी उसने मोती से भाग जाने के लिए कहा परंतु मोती मित्रता के कारण उसे छोड़ कर नहीं गया।
- एक हफ्ते तक भूखे प्यासे बंधे रहने के बाद उनकी नीलामी हुई और दढ़ियल कसाई ने उन्हें खरीदा। रास्ते में अपनी चिर-परिचित राह देखते ही उनमें मानों ताकत आ जाती है और उत्साहित होकर घर जा पहुँचते हैं।
- झूरी उनका स्वागत करता है दढ़ियल उनका आक्रामक रुख देख कर भाग जाता है। घर की मालकिन भी उनका माथा चूम लेती है।