प्रदीपन-3

प्रदीपन

दो सरल रेखाओं को एक ही तल में एक ही बिन्दु पर मिलाने पर उनके मध्य बने कोण (angle ) को समतल कोण कहा जाता है। इसकी इकाई रेडियन (radin) होती है। माना कि दो सरल रेखाएं OXतथाOY हैं तो इनके मध्य बना समतल कोण इस प्रकार है -
अंतरिक्ष में क्षेत्रफल द्वारा एक बिन्दु पर बनाए गए कोण को घन कोण (या ठोस कोण) कहते हैं।
अवशोषित प्रकाश तथा आपतित प्रकाश के अनुपात को अवशोषण गुणक कहा जाता है।
अवशोषण गुणक = अवशोषित प्रकाश/आपतित प्रकाश
कार्य स्थानों पर प्राप्त ल्यूमेन और लैम्प द्वारा उत्पन्न ल्यूमेन का अनुपात ही उपयोगिता गुणक कहलाता है।
उपयोगिता गुणक = स्थान तक पहुंचने वाला ल्यूमेन/स्त्रोत से उत्पन्न कुल ल्यूमेन
स्त्रोत द्वारा उत्सर्जित कुल ल्यूमेन फ्लक्स तथा स्त्रोत की निवेशी (input) विद्युत शक्ति के अनुपात को ही लैम्प दक्षता कहा जाता है। इसकी इकाई lumen/Watt  होती है।
प्रदीपन के दो नियम प्रतिपादित हुए हैं, जो कि निम्न है -
(1) प्रतिलोम वर्ग नियम (Inverse square law)    
(2) लैम्बर्टस कौज्या नियम  (Lamberts cosine Law)
प्रतिलोम वर्ग नियम (Inverse Square Law) –किसी  प्रकाश स्त्रोत द्वारा किसी प्रकाशित तल पर पहुंचने वाली प्रदीप्ति, उस तल से प्रकाश स्त्रोत की दूरी के वर्ग के व्युतक्रमानुपाती तथा प्रदीप्ति तीव्रता के अनुक्रमानुपाती होती है