डी.सी. व ए.सी. मशीन आर्मेचर वाइन्डिंग -3

डी.सी. व ए.सी. मशीन आर्मेचर वाइन्डिंग

  • डी.सी. आर्मेचर वाइन्डिंग दो प्रकार की होती है -
    (1) लैप वाइन्डिंग                         (2) वेव वाइन्डिंग
                 क्वॉइल के सिरों को कम्यूटेटर सेग्मेन्ट पर जोड़ने की प्रक्रिया को क्वॉइल कनेक्शन कहा जाता है। क्वॉइलकनेक्शन मुख्यतः प्रोग्रेसिव तथा रिट्रोग्रेसिव प्रकार के होते हैं।
                 ग्राउलर एक विद्युतीय युक्ति है जिसका उपयोग मोटर का इन्सुलेशन प्रतिरोध चेक करने के लिए किया जाता है। यह दो प्रकार का होता है -
    (1) इन्टर्नल ग्राउलर                      (2) एक्सटर्नल ग्राउलर
                 इन्टर्नल ग्राउलर का उपयाग वृहद् डी.सी. मोटर के आर्मेचर तथा ए.सी. मोटर के स्टेटर में किया जाता है तथा एक्सटर्नल ग्राउलर का उपयोग लघु डी.सी. मोटर के आर्मेचर के लिए किया जाता है।
                 ग्राउलर का उपयोग मशीन के अन्दर शार्ट सर्किट, ओपन सर्किट, अर्थ टैस्ट, बैंलेस टेस्ट प्रकार के दोषों (fault) को चेक करने के लिए किया जाता है।
                 वाइन्डिंग में चालकीय तथा कुचालकीय पदार्थ उपयोग किये जाते हैं।