भूमिगत केबिल -3
भूमिगत केबिल (Underground Cables)
66kV से अधिक वोल्टता के लिए दाब केबिल का उपयोग किया जाता है । इस प्रकार के केबिल में खाली स्थान को कम्पाउंड दाब के द्वारा दूर कर दिया जाता है ।
भूमिगत केबिल को बिछाने हेतु तीन प्रकार की विधियो का उपयोग किया जाता है जो निम्नानुसार है –
1.प्रत्यक्ष रूप से बिछाना (Direct Laying)
2.अनुकर्षण प्रणाली (Draw-in System)
3.ठोस प्रणाली (Solid system)
केबिलो में सामान्यतया: निम्न तीन प्रकार के विधुत दोषो की सम्भावना हो सकती है –
1.खुलापथ दोष
2. लघुपथित दोष
3.भू-दोष
केबिलो में उत्पन्न दोषो का पता लगाने के लिए मैगर (Megger) का उपयोग किया जाता है ।
मुर्रे लूप विधि द्वारा केबिल के निम्न दो दोषो का परीक्षण किया जा सकता है –
1.भू-दोष स्थानीकरण
2.लघुपथ दोष स्थानिकरण
66kV से अधिक वोल्टता के लिए दाब केबिल का उपयोग किया जाता है । इस प्रकार के केबिल में खाली स्थान को कम्पाउंड दाब के द्वारा दूर कर दिया जाता है ।
भूमिगत केबिल को बिछाने हेतु तीन प्रकार की विधियो का उपयोग किया जाता है जो निम्नानुसार है –
1.प्रत्यक्ष रूप से बिछाना (Direct Laying)
2.अनुकर्षण प्रणाली (Draw-in System)
3.ठोस प्रणाली (Solid system)
केबिलो में सामान्यतया: निम्न तीन प्रकार के विधुत दोषो की सम्भावना हो सकती है –
1.खुलापथ दोष
2. लघुपथित दोष
3.भू-दोष
केबिलो में उत्पन्न दोषो का पता लगाने के लिए मैगर (Megger) का उपयोग किया जाता है ।
मुर्रे लूप विधि द्वारा केबिल के निम्न दो दोषो का परीक्षण किया जा सकता है –
1.भू-दोष स्थानीकरण
2.लघुपथ दोष स्थानिकरण