औद्योगिक एवं घरेलू वायरिंग-2
औद्योगिक एवं घरेलू वायरिंग
- वायरिंग ले-आउट के लिए निम्न पदों का अनुसरण किया जाता है -
- सबसे पहले भवन का सिविल इंजिनियर द्वारा बना ले-आउट लेते है।
- ले-आउट में विद्युत लाइन के प्रवेश एवं निर्गत स्थानों को चिन्हित करते हैं।
- ले-आउट में भवन मालिक की आवश्यकता के अनुसार विद्युत बल्ब, ट्यूबलाइट, पंखा, दीवार साॅकेट आदि के बिन्दु चिन्हित करते हैं।
- स्प्लिट लोड वायर किसी भी उपभोक्ता इकाई में उपयोग होने वाला सबसे सुरक्षित प्रकार का वायर है जो कि ओवरलोडिंग, शोर्ट-सर्किट, अर्थ-लीकेज आदि समस्याओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
- विभिन्न प्रकार के घरेलू उपकरणों के दोष ज्ञात करना तथा उनके दोष-निवारण का ज्ञान एक इलेक्ट्रिशियन के लिए अति आवश्यक है। अतः किसी भी उपकरण को सुचारू रूप से चलाने के लिए उसका निरीक्षण व रख-रखाव समय-समय पर करना चाहिए।
- सजावटी लाइटों के लिए ड्रम फ्लैशर, सीक्वेन्शियल कन्ट्रोलर, निऑन फ्लैशर आदि उपयोग में लिए जाते हैं।
- JFET विधि
- निऑन बल्ब विधि