तुल्यकालिक मोटर-2

तुल्यकालिक मोटर

यदि तुल्यकालिक मोटर के प्रथम चालक को मोटर से विच्छेदित कर दिया जाए तो तुल्यकालिक मशीन, मोटर के रूप में कार्य करने लगती है।
तुल्यकालिक मोटर स्वचालित नहीं होती है। इसे स्वचालित बनाने के लिए रोटर को इतनी गति पर घुमाया जाता है कि जितने समय में रोटर पोल अपनी ध्रुवता  (Polarity) बदलते हैं, उतने समय में रोटर बवश्य ही एक पोल पिच की दूरी तय कर लें।
तुल्यकालिक मोटर सदैव तुल्यकालिक गति से ही चलती है तथा चलते समय एक समान गति बनाए रखती है। सप्लाई की आवृत्ति को बदलकर ही तुल्यकालिक मोटर की गति को बदला जा सकता है। क्योंकि -

Ns= तुल्यकालिक गति,
            f= आवृत्ति,
            p= ध्रुवो  की संख्या
           तुल्यकालिक मोटर के प्रारम्भन हेतु निम्न विधियां प्रयोग में ली जाती है -
            पोनी (छोटी) मोटरों का उपयोग करके।
          अवमन्दक या डेम्पर वाइन्डिंग का प्रयोग करके।
          दिष्ट धारा स्त्रोत प्रयोग करकें।
          स्लिपरिंग प्रेरण मोटर के तरह प्रयोग करके।
तुल्यकालिक मोटरें उन फैक्ट्रिों में शक्ति गुणक बढ़ाने के लिए प्रयोग की जाती है, जहां पर कई प्रेरण मोटरें लगी होती है।
तुल्यकालिक मोटर जनरेटर सैट को स्थिर गति पर चलाने के लिए, आवृत्ति परिवर्तक प्राइमूवर चलाने के लिए, कम्प्रेशर, पम्प, लाइन शाफ्ट को चलाने के लिए प्रयोग की जाती है।