डी.सी. व ए.सी. मशीन आर्मेचर वाइन्डिंग -1

डी.सी. व ए.सी. मशीन आर्मेचर वाइन्डिंग

आर्मेचर वाइन्डिंग, इलेक्ट्रिकल मशीन का वह मुख्य भाग है जिसमें विद्युत वाहक बल (e.m.f.) उत्पन्न होता है। ।A.C मशीनों में आर्मेचर वाइन्डिंग स्टेटर पर बने आधे ढके या खुले स्लॉटो  पर लपेटी जाती है जबकी डी.सी. मशीन में आर्मेचर वाइन्डिंग बंद स्लॉटोपर लपेटी जाती है, अतः स्टेटर भाग में क्वॉइलो के समूहों को निश्चित ढंग से रखा जाना, आर्मेचर वाइन्डिंग कहलाता है। इलेक्ट्रोमेग्नेट तैयार करने, पंखो, डी.सी. मोटर, ऑल्टरनेटर , त्रिकलीय मोटर, सिंगल फेज मौटर, रिले व अन्य विद्युत उपकरणों में आर्मेचर वाइन्डिंग के व्यावहारिक प्रयोग का विशेष महत्व है। आर्मेचर वाइन्डिंग मुख्यतः दो प्रकार की होती है -
(1) बन्द क्वॉइलवाइन्डिंग (Closed Coil Winding) - यह वाइन्डिंग डी.सी. मशीनों में की जाती है और इसे डी.सी. आर्मेचर वाइन्डिंग भी कहते है। इसमें सभी क्वॉइलो के सिरों को एक-दूसरे के श्रेणी-क्रम में संयोजित करते हुए अन्त में दो सिरे प्राप्त होते हैं जो स्त्रोत में संयोजित कर दिए जाते हैं।
(2) खुली क्वॉइल वाइन्डिंग (Open Coil Winding) - यह वाइन्डिंग ए.सी. मशीनों में की जाती है और इसमें सभी क्वॉइलो के सिरे स्वतंत्र रखे जाते है और उन्हें वान्छित क्रम में संयोजित किया जा सकता है।
डी.सी. मशीन की आर्मेचर वाइन्डिंग में उत्पनन विद्युत वाहक बल प्रत्यावर्ती प्रवृत्ति का होता है।