वीरेन डंगवाल - तोप - महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 1

CBSE कक्षा 10 हिंदी 'ब' स्पर्श (काव्य खंड)
पाठ - 4 तोप
महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

काव्यांश के विषय-बोध और सराहना पर आधारित प्रश्नोत्तर
निम्नलिखित पंक्तियों पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
  1. कंपनी बाग के के मुहाने पर
    धर रखी गई है यह 1857 की तोप
    इसकी होती है बड़ी सम्हाल, विरासत में मिले
    कंपनी बाग की तरह
    साल में चमकाई जाती है दो बार।
    सुबह-शाम कंपनी बाग में आते हैं बहुत-से सैलानी
    उन्हें बताती है यह तोप
    कि मैं बड़ी जबर
    उड़ा दिए थे मैंने
    अच्छे-अच्छे सूरमाओं के धज्जे
    अपने जमाने में
    1. प्रश्नोक्त पंक्तियों का भाव सौंदर्य स्पष्ट करें।
      उत्तर- प्रश्नोक्त पंक्तियों में कंपनी बाग में सजाकर रखी गई तोप का वर्णन है जसने सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अनेक वीरों को शहीद किया था। पुरखों द्वारा मिली हुई धरोहर के रूप में इसे सँवारते हुए इसे साल में दो बार चमकाया जाता है। यह कंपनी बाग घूमने आए सैलानियों को यह बताती है कि मैंने अपने जमाने अर्थात् 1857 में अच्छे-अच्छे शूरवीरों के चिथड़े उड़ा दिए।
    2. उपर्युक्त पंक्तियों का शिल्प-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
      उत्तर-
       प्रश्नोक्त पंक्तियों में 1857 के स्वतंत्रता संग्राम को कुचलने में अंग्रजों का साथ देने वाली तोप का वर्णन किया गया है। इन पंक्तियों में खड़ी बोली का सहज प्रयोग किया गया है। तोप का मानवीकरण कर तोप का परिचय स्वयं उसी से दिलवाया गया है। उर्दू शब्दों का प्रयोग है। भाषा सरल, सहज, छंदमुक्त है तथा लयात्मकता एवं प्रवाहमयता विद्यमान है। ‘अच्छे-अच्छे’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
    3. ‘अपने जमाने में’ से कवि का क्या तात्पर्य है ?
      उत्तर-
       प्रश्नोक्त पंक्तियों में ‘अपने जमाने’ का तात्पर्य 1857 के समय से है। अर्थात् जब तोप का प्रयोग किया गया था।

  2. अब तो बहरहाल
    छोटे लड़कों की घुड़सवारी से अगर यह फ़ारिग हो
    तो उसके ऊपर बैठकर
    चिड़ियाँ ही अकसर करती हैं गपशप
    कभी-कभी शैतानी में वे इसके भीतर भी घुस जाती हैं
    खास कर गौरैयें
    वे बताती हैं कि दरअसल कितनी भी बड़ी हो तोप
    एक दिन तो होना ही है उसका मुँह बंद।
    1. तोप पर बैठकर गपशप कौन करता है ?
      उत्तर- तोप पर बैठकर चिड़ियाँ गपशप करती हैं।
    2. गौरैया तोप के साथ कैसा बर्ताव करती है ?
      उत्तर-
       गौरैया चिड़िया तोप के साथ मित्रतापूर्ण व्यवहार करते हुए उसके ऊपर बैठकर गपशप करती है तथा कभी-कभी वे उसके मुँह में घुसकर सके साथ शैतानी करती है।
    3. उपरोक्त काव्यांश का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए।
      उत्तर-
       प्रश्नोक्त काव्यांश में 1857 के क्रूर तोप की बदहाली का वर्णन किया गया है। किसी समय अपनी शक्ति का लोहा मनवाती वह तोप आज कंपनी बाग के मुहाने पर शांत खड़ी है और सिर्फ़ प्रदर्शन की वस्तु बनकर रह गया है। आज बच्चे उस पर घुड़सवारी करते हैं और जैसे ही वह बच्चों से मुक्त होता है उस पर चिड़ियों का जमावड़ा हो जाता है जो लगातार अपनों में गपशप मारती रहती है उनमें से कुछ तो उसके मुँह में समाकर उसकी औकात बता देती हैं। कवि ने इन प्रतीकों के माध्यम से सत्ता के बदले स्वरूप पर व्यंग्य किया है।