तुल्यकालिक मोटर-1

तुल्यकालिक मोटर

  •    ऐसी युक्ति जो तुल्यकालिक गति पर विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में रूपान्तरित करती है, तुल्यकालिक मोटर कहलाती है।
  •    जब स्टेटर का चुम्बकीय क्षेत्र व रोटर का चुम्बकीय क्षेत्र दोनों यदि समान गति से घूर्णन करते हैं तो तुल्यकालिक मोटर कार्य करती है।
  •    तुल्यकालिक मोटर के रोटर में दिष्ट धारा एक्साइटेशन देते हैं। जिससे रोटर में चुम्बकीय बनते है। चुम्बकीय ध्रुवो  का चुम्बकीय क्षेत्र एवं त्रिकलीय सप्लाई को       स्टेटर में देने पर बनने वाले चुम्बकीय क्षेत्र की गति एक समान होती है। इस गति को तुल्यकालिक मोटर की तुल्यकालिक गति कहते हैं।
  •    तुल्यकालिक मोटर की संरचना डी.सी. मशीन के समान होती है।
  •    तुल्यकालिक मोटर में रोटर फील्ड वाइन्डिंग को स्लिपरिंग के द्वारा अलग से डी.सी. सप्लाई देकर उत्तेजित किया जाता है।
  •    जब तुल्यकालिक मोटर पर लोड प्रयुक्त किया जाता है तो इसकी औसत गति के मान में कमी नहीं होती क्योंकि मोटर स्थिर गति पर घूमती है।
  •    शून्य लोड की स्थिति में जब तुल्यकालिक मोटर प्रत्यावर्तक के रूप में कार्य करती है तो इस स्थिति में उत्पादित विद्युत वाहक बल (Eb) तथा बस-बार                    विभव (V) समान तथा विपरीत कला में होते हैं। इस स्थिति में आर्मेचर धारा शून्य होती है।