नाभिकीय शक्ति सयंत्र-1

नाभिकीय शक्ति सयंत्र (Nuclear Power Plant)

परमाणु का समस्त भार जिस भाग पर केन्द्रित रहता है , उसे नाभिक कहा जाता है ।
संन् 1911 में रदरफोर्ड नामक वैज्ञानिक ने नाभिक के अस्तित्व को समझाया था । इसके अनुसार प्रत्येक तत्व में नाभिक होता है तथा नाभिक का निर्माण न्यूट्रॉन व प्रोटॉन से मिलकर होता है ।
प्रोटॉन का भार, न्यूट्रॉन के भार के लगभग बराबर ही होता है । नाभिक में प्रोटॉन को (Z) के द्वारा दर्शाया जाता है । इस पर धनावेश होता है ।
न्यूट्रॉन एक उदासीन कण होता है, जिसका द्रव्यमान प्रोटॉन के द्रव्यमान के लगभग बराबर होता है तथा इसके चुम्बकीय आघूर्ण ऋणात्मक होते है ।
सामान्यत: नाभिकीय अभिक्रियाए दो प्रकार की होती है –
1.नाभिकीय विखण्डन (Nuclear Fission)
2. नाभिकीय संलयन (Nuclear Fision)