व्याकरण उपसर्ग प्रत्यय - पुनरावृति नोट्स 1
खण्ड-ख
(व्याकरण)
शब्द निर्माण- उपसर्ग-प्रत्यय
(व्याकरण)
शब्द निर्माण- उपसर्ग-प्रत्यय
उपसर्ग
उपसर्ग वे शब्दांश हैं जो किसी शब्द के पूर्व लगकर उस शब्द का अर्थ बदल देते हैं या उसमें नई विशेषता उत्पन्न कर देते हैं।
जैसे:- कु + पुत्र = कुपुत्र।
यहाँ ‘कु’ शब्दांश ‘पुत्र’ के साथ बैठकर नया शब्द गढ़ देता हैं। ध्यान रहे कि ‘कु’ शब्दांश है, शब्द नहीं। शब्द वाक्य में स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त हो सकता है, शब्दांश नहीं। शब्दांश तो किसी शब्द के साथ जुड़कर ही नए अर्थ की रचना में सहायक होता है।
उपसर्ग के उदाहरण
क्रम
|
उपसर्ग
|
अर्थ
|
शब्द
|
1
|
अ
|
अभाव, निषेध
|
अछूता, अथाह, अटल
|
2
|
अन
|
अभाव, निषेध
|
अनमोल, अनबन, अनपढ़
|
3
|
कु
|
बुरा
|
कुचाल, कुचैला, कुचक्र
|
4
|
दु
|
कम, बुरा
|
दुबला, दुलारा, दुधारू
|
5
|
नि
|
कमी
|
निगोड़ा, निडर, निहत्था, निकम्मा
|
6
|
औ
|
हीन, निषेध
|
औगुन, औघर, औसर, औसान
|
7
|
भर
|
पूरा
|
भरपेट, भरपूर, भरसक, भरमार
|
8
|
सु
|
अच्छा
|
सुडौल, सुजान, सुघड़, सुफल
|
9
|
अध
|
आधा
|
अधपका, अधकच्चा, अधमरा, अधकचरा
|
10
|
उन
|
एक कम
|
उनतीस, उनसठ, उनहत्तर, उंतालीस
|
11
|
पर
|
दूसरा, बाद का
|
परलोक, परोपकार, परसर्ग, परहित
|
12
|
बिन
|
बिना, निषेध
|
बिनब्याहा, बिनबादल, बिनपाए, बिनजाने
|
संस्कृत के उपसर्ग
क्रम
|
उपसर्ग
|
अर्थ
|
शब्द
|
1
|
अति
|
अधिक
|
अत्यधिक, अत्यंत, अतिरिक्त, अतिशय
|
2
|
अधि
|
ऊपर, श्रेष्ठ
|
अधिकार, अधिपति, अधिनायक
|
3
|
अनु
|
पीछे, समान
|
अनुचर, अनुकरण, अनुसार, अनुशासन
|
4
|
अप
|
बुरा, हीन
|
अपयश, अपमान, अपकार
|
5
|
अभि
|
सामने, चारों ओर, पास
|
अभियान, अभिषेक, अभिनय, अभिमुख
|
6
|
अव
|
हीन, नीच
|
अवगुण, अवनति, अवतार, अवनति
|
7
|
आ
|
तक, समेत
|
आजीवन, आगमन
|
8
|
उत्
|
ऊँचा, श्रेष्ठ, ऊपर
|
उद्गम, उत्कर्ष, उत्तम, उत्पत्ति
|
9
|
उप
|
निकट, सदृश, गौण
|
उपदेश, उपवन, उपमंत्री, उपहार
|
10
|
दुर्
|
बुरा, कठिन
|
दुर्जन, दुर्गम, दुर्दशा, दुराचार
|
11
|
दुस्
|
बुरा, कठिन
|
दुश्चरित्र, दुस्साहस, दुष्कर
|
12
|
निर्
|
बिना, बाहर, निषेध
|
निरपराध, निर्जन, निराकार, निर्गुण
|
13
|
निस्
|
रहित, पूरा, विपरित
|
निस्सार, निस्तार, निश्चल, निश्चित
|
14
|
नि
|
निषेध, अधिकता, नीचे
|
निवारण, निपात, नियोग, निषेध
|
15
|
परा
|
उल्टा, पीछे
|
पराजय, पराभव, परामर्श, पराक्रम
|
16
|
परि
|
आसपास, चारों तरफ
|
परिजन, परिक्रम, परिपूर्ण, परिणाम
|
17
|
प्र
|
अधिक, आगे
|
प्रख्यात, प्रबल, प्रस्थान, प्रकृति
|
18
|
प्रति
|
उलटा, सामने, हर एक
|
प्रतिकूल, प्रत्यक्ष, प्रतिक्षण, प्रत्येक
|
19
|
वि
|
भिन्न, विशेष
|
विदेश, विलाप, वियोग, विपक्ष
|
20
|
सम्
|
उत्तम, साथ, पूर्ण
|
संस्कार, संगम, संतुष्ट, संभव
|
21
|
सु
|
अच्छा, अधिक
|
सुजन, सुगम, सुशिक्षित, सुपात्र
|
प्रत्यय
प्रत्यय= प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है,पीछे चलना। जो शब्दांश शब्दों के अंत में विशेषता या परिवर्तन ला देते हैं, वे प्रत्यय कहलाते हैं। जैसे- दयालु= दया शब्द के अंत में आलु जुड़ने से अर्थ में विशेषता आ गई है। अतः यहाँ 'आलू' शब्दांश प्रत्यय है। प्रत्ययों का अपना अर्थ कुछ भी नहीं होता और न ही इनका प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जाता है। प्रत्यय के दो भेद हैं-
कृत् प्रत्यय
वे प्रत्यय जो धातु में जोड़े जाते हैं, कृत प्रत्यय कहलाते हैं। कृत् प्रत्यय से बने शब्द कृदंत (कृत्+अंत) शब्द कहलाते हैं। जैसे- लेख् + अक = लेखक। यहाँ अक कृत् प्रत्यय है, तथा लेखक कृदंत शब्द है।
क्रम
|
प्रत्यय
|
मूल शब्द\धातु
|
उदाहरण
|
1
|
अक
|
लेख्, पाठ्, कृ, गै
|
लेखक, पाठक, कारक, गायक
|
2
|
अन
|
पाल्, सह्, ने, चर्
|
पालन, सहन, नयन, चरण
|
3
|
अना
|
घट्, तुल्, वंद्, विद्
|
घटना, तुलना, वन्दना, वेदना
|
4
|
अनीय
|
मान्, रम्, दृश्, पूज्, श्रु
|
माननीय, रमणीय, दर्शनीय, पूजनीय, श्रवणीय
|
5
|
आ
|
सूख, भूल, जाग, पूज, इष्, भिक्ष्
|
सूखा, भूला, जागा, पूजा, इच्छा, भिक्षा
|
6
|
आई
|
लड़, सिल, पढ़, चढ़
|
लड़ाई, सिलाई, पढ़ाई, चढ़ाई
|
7
|
आन
|
उड़, मिल, दौड़
|
उड़ान, मिलान, दौड़ान
|
8
|
इ
|
हर, गिर, दशरथ, माला
|
हरि, गिरि, दाशरथि, माली
|
9
|
इया
|
छल, जड़, बढ़, घट
|
छलिया, जड़िया, बढ़िया, घटिया
|
10
|
इत
|
पठ, व्यथा, फल, पुष्प
|
पठित, व्यथित, फलित, पुष्पित
|
11
|
इत्र
|
चर्, पो, खन्
|
चरित्र, पवित्र, खनित्र
|
12
|
इयल
|
अड़, मर, सड़
|
अड़ियल, मरियल, सड़ियल
|
13
|
ई
|
हँस, बोल, त्यज्, रेत
|
हँसी, बोली, त्यागी, रेती
|
14
|
उक
|
इच्छ्, भिक्ष्
|
इच्छुक, भिक्षुक
|
15
|
तव्य
|
कृ, वच्
|
कर्तव्य, वक्तव्य
|
16
|
ता
|
आ, जा, बह, मर, गा
|
आता, जाता, बहता, मरता, गाता
|
17
|
ति
|
अ, प्री, शक्, भज
|
अति, प्रीति, शक्ति, भक्ति
|
18
|
ते
|
जा, खा
|
जाते, खाते
|
19
|
त्र
|
अन्य, सर्व, अस्
|
अन्यत्र, सर्वत्र, अस्त्र
|
20
|
न
|
क्रंद, वंद, मंद, खिद्, बेल, ले
|
क्रंदन, वंदन, मंदन, खिन्न, बेलन, लेन
|
21
|
ना
|
पढ़, लिख, बेल, गा
|
पढ़ना, लिखना, बेलना, गाना
|
22
|
म
|
दा, धा
|
दाम, धाम
|
23 ,
|
य
|
गद्, पद्, कृ, पंडित, पश्चात्, दंत्, ओष्ठ्
|
गद्य, पद्य, कृत्य, पाण्डित्य, पाश्चात्य, दंत्य, ओष्ठ्य
|
24
|
या
|
मृग, विद्
|
मृगया, विद्या
|
25
|
रू
|
गे
|
गेरू
|
26
|
वाला
|
देना, आना, पढ़ना
|
देनेवाला, आनेवाला, पढ़नेवाला
|
27
|
ऐया\वैया
|
रख, बच, डाँट\गा, खा
|
रखैया, बचैया, डटैया, गवैया, खवैया
|
28
|
हार
|
होना, रखना, खेवना
|
होनहार, रखनहार, खेवनहार
|