त्रिकलीय प्रेरण मोटर -1

त्रिकलीय प्रेरण मोटर

  •  औद्योगिक अनुप्रयोगों में काम आने वाली वह मोटर जो विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धान्त पर कार्य करती है, प्रेरण मोटर कहलाती है।
  •   त्रिकलीय प्रेरण मोटर पिंजरा प्ररूपी तथा स्लिप रिंग प्रकार की होती है।
  •   त्रिकलीय ट्रांसफार्मर की भांति त्रिकलीय प्रेरण मोटर का कार्य सिद्धान्त भी विद्युत चुम्बकीय प्रेरण नियमों पर आधारित होता है।
  •   प्रेरण मोटर के दो मुख्य भाग स्टेटर (स्थिर रहने वाला भाग) व रोटर (घूमने वाला भाग) होते हैं।
  •   स्टेटर उच्च ग्रेड मिश्रित स्टील धातु का बना होता है जो आर्मेचर भाग में उत्पन्न भंवर धारा हानि को कम करता है।
  •   त्रिकलीय प्रेरण मोटर में रोटर के प्रकार पिंजरा प्ररूपी रोटर व स्लिपरिंग रोटर होते है।
  •   प्रेरण मोटर को अतुल्यकालिक मोटर भी कहते है, क्योंकि इसके रोटर का घूर्णन चुम्बकीय क्षेत्र की गति के समान नहीं होता है।
  •    पिंजरा प्ररूपी प्रेरण मोटर का प्रारम्भिक बलाघूर्ण कम होता है लेकिन रनिंग बलाघूर्ण अधिक होता है।
  •   फुल लोड पर स्लिपरिंग प्रेरण मोटर का प्रारम्भिक बलाघूर्ण, पिंजरा प्ररूपी प्रेरण मीटर की तुलना में तीन गुना होता है।